AIPTF 25th Biennial Educational Conference held in Kurukshetra Dated 12-...
स्कूलों के नीजिकरण को तुरन्त प्रभाव से बंद करने बारे ज्ञापन।
क्रमांक: दिनांक:
सेवा में
श्री मनोहर लाल खट्टर जी,
माननीय मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार,
चण्डीगढ़।
विषय :- स्कूलों के नीजिकरण को तुरन्त प्रभाव से बंद करने बारे ज्ञापन ।
मान्यवर,
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संध हरियाणा (949) सम्बन्धित अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों का एकमात्र प्रतिनिधि संगठन है जिसमें करीब 30 हजार प्राथमिक शिक्षक सक्रिय सदस्य हैं। संगठन राष्ट्रीय स्तर पर "अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ" का सहयोगी है जिसके देशभर में करीब 35 लाख प्राथमिक शिक्षक सदस्य हैं। संघ अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर "ऐजुकेशन इंटरनैशनल" से जुड़ा है जिसके 169 देशों में करीब 3 करोड़ प्राथमिक शिक्षक सदस्य हैं। संगठन समय-समय पर सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा में किए गए सुधारों का सहयोग भी करता है तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी कार्य व सहयोग करता है। महोदय, यह अत्यंत दुःखद है कि एक तरफ तो जहां राज्य सरकार हरियाणा को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर प्राथमिक स्कूलों को नीजि हाथों में सौंपकर उनका नीजिकरण कर रही है। यह मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 जो कि एक मौलिक अधिकार भी है, का उल्लंघन होने के साथ-साथ उन लाखों गरीब बच्चों की शिक्षा पर भी प्रहार है जो इस उम्मीद में थे कि आने वाली राज्य सरकार उनकी शिक्षा की तरफ विशेष ध्यान देगी। लेकिन राज्य सरकार ने आते ही पुरानी सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए यह तर्कहीन फैंसला लिया है कि प्रदेश के 245 सरकारी स्कूलों को भारती फाउंडेशन के हाथों में सौंप दिया जाए। इससे पहले 2008 में भी कांग्रेस सरकार इस प्रकार का प्रयास कर चुकी है लेकिन उस समय भी संगठन ने इसका कड़ा विरोध किया था। आज फिर राज्य सरकार ने शिक्षकों को आंदोलन के रास्ते पर धकेल दिया है। पायलट प्रोजैक्ट के रूप में करनाल के जिन स्कूलों को नीजि हाथों में सौंपा गया है, उनकी स्थिति बहुत ही बेहतर है। उनमे से कई स्कूल तो मुख्यमंत्री सौंदर्य पुरूस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। ऐसे में क्या आवश्यकता पड़ गई थी कि इन स्कूलों का नीजिकरण जरूरी हो गया है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार अपने वायदे से भाग रही है। संगठन आपसे अपील करता है कि आप इस फैंसले को तुरन्त प्रभाव से वापिस लें और शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा को अग्रणी बनाने के लिए स्कूलों, शिक्षकों, बच्चों की समस्याओं को दूर करवाने का निर्देश दें ताकि हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। अगर सरकार ने इस फैंसले को वापिस नहीं लिया तो संगठन इसे जन आंदोलन का रूप देकर सड़कों पर उतर जाएगा। संघ चाहता है कि शिक्षकों का ज्यादा से ज्यादा समय गुणवत्ता परक शिक्षा देने में लगे।
अतः आपसे पुनः अनुरोध है कि इस फैंसले को तुरन्त प्रभाव से निरस्त किया जाए। संघ उम्मीद करता है कि आप स्वयं निजी तौर पर मामले का संज्ञान लेंगे और इस निर्णय को रद्द करेंगे।
धन्यवाद।
प्रधान महासचिव