सीटें भरने के लिए फीस घटाने को तैयार प्रबंधन संस्थान

Posted in Saturday 28 May 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पीजीडीएम) कोर्स संचालित करने वाले कॉलेज पिछले दो साल से प्रवेश के लिए छात्रों की कमी झेल रहे हैं। चूंकि यह टोटा नए सत्र में भी दूर होने के आसार नहीं हैं इसलिए इन कॉलेजों ने सीटों को भरने के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत कोर्स की फीस में भारी भरकम कटौती करने के साथ ही दूसरे आकर्षक ऑफर देने की तैयारी है। ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क में करीब 32 प्रबंधन संस्थानों में पीजीडीएम कोर्स संचालित हो रहा है। इनमें लगभग 8000 सीटें हैं। पिछले वर्ष करीब 40 से 50 प्रतिशत सीटें खाली रह गई थीं। इसकी वजह से कॉलेजों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। कुछ कालेजों के लिए फैकल्टी व स्टाफ के वेतन का खर्च निकालना मुश्किल हो गया। इस वर्ष भी छात्रों की कोर्स के प्रति बेरुखी ने प्रबंधन को बैचेन कर दिया है। संकट से उबरने के लिए फीस में कटौती और स्कॉलरशिप देने का जो मसौदा तैयार किया गया है उसके हिसाब से अधिकांश संस्थानों ने पीजीडीएम की फीस में 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की कटौती की है। छात्र-छात्राओं को 15 हजार से करीब एक लाख रुपये प्रति वर्ष की स्कॉलरशिप देने की भी योजना है। ये संस्थान छात्रों को आकर्षित करने के लिए एजुकेशन एंड कॅरियर फेयर का भी सहारा लेंगे। इन संस्थानों के प्रबंध तंत्र का मानना है कि हर वर्ष प्रदेश में धड़ाधड़ खुल रहे तकनीकी और प्रबंधन संस्थान इस समस्या के लिए जिम्मेदार हैं। आईएनजी बिजनेस स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि स्कॉलरशिप मेधावी छात्रों को दी जाएगी। पीआइआइटी की निदेशक शबनम सिद्दीकी का कहना है कि जरूरत के मुकाबले इंस्टीट्यूट की संख्या बढ़ती जा रही है और इसके चलते सीटें खाली हैं। छात्रों की बेहतरी को स्कॉलरशिप की सुविधा दी जाएगी। एमबीए कोर्स वाले कॉलेज के संचालकों को भी छात्रों का टोटा पड़ सकता है। एमटीयू प्रवेश परीक्षा के नतीजों ने उन्हें चिंता में डाल दिया है। प्रदेश के कॉलेजों में एमबीए कोर्स के लिए उपलब्ध सीटों के सापेक्ष काफी कम छात्र प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल हुए हैं।