करतारपुर का प्राथमिक स्कूल बंद करने का निर्णय
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Thursday, 26 January 2012
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421
इन्द्री, 25 जनवरी (निस)। शिक्षा विभाग के फरमान प्रदेश को शिक्षा का हब बनाने के सरकारी दावों की हवा निकाल रहे हैं। विभाग ने उपमंडल के गांव करतारपुर स्थित स्कूल में तैनात दो अध्यापकों के तबादले के आदेश जारी कर दिए हैं और अध्यापकों के बिना स्कूल का बंद होना भी तय है। रेशनलाइजेशन के तहत स्कूल के अध्यापकों की बदली और स्कूल बंद होने की सूचना से पार्ट-टाईम कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है और ग्रामीण रोषजदा हैं। ग्रामीणों ने स्कूल बंद करने के आदेश स्थगित करके बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने की गुहार लगाई है।
यमुना क्षेत्र में पडऩे वाले उपमंडल इन्द्री के पिछड़े व छोटे से गांव करतारपुर में 1982 में राजकीय प्राथमिक स्कूल खोला गया था। इस स्कूल में गांव के 19 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं और इन्हें पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा दो अध्यापक तैनात किए गए हैं। स्कूल में दो कमरे, एक रसोई और शौचालय जैसी सुविधा भी है। लेकिन तीस साल पहले खोला गया स्कूल सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने के जोर-शोर के साथ किए जा रहे दावों के बीच बंद किया जा रहा है। 24 जनवरी को मौलिक शिक्षा विभाग की वैबसाइट पर रेशनलाइजेशन के तहत जारी की गई जिला करनाल के 92 अध्यापकों की तबादला सूची में करतारपुर के दोनों अध्यापकों का तबादला कर दिया गया है। सूची में स्कूल की अध्यापिका कांता कुमारी व राकेश कुमार शामिल हैं। स्कूल के दोनों अध्यापकों के तबादले की सूचना से स्कूल में पार्ट टाईम चौकीदार प्रवीन, सफाईकर्मी बलकार व मिड-डे-मील वर्कर उर्मिला में हड़कंप मच गया है। स्कूल बंद होने से वे अपने रोजगार पर खतरे के बादल मंडराते हुए देख रहे हैं।
इस फैसले से ग्रामीणों में भारी रोष है। गढ़पुर टापू की पंचायत में पडऩे वाले इस गांव में रहने वाले पंचायत सदस्य तथा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार, पंच रानी देवी तथा ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के इस फैसले को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि विभाग के इस फैसले के बाद बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक किलोमीटर से अधिक दूरी और हाई ट्रैफिक वाली सड़क से गुजरते हुए मुसेपुर के स्कूल में जाना पड़ेगा। विनोद ने कहा कि शीघ्र ही गांव के लोग पंचायत करके गांव में स्कूल को बरकरार रखवाने के लिए आगामी संघर्ष की योजना बनाएंगे।
यमुना क्षेत्र में पडऩे वाले उपमंडल इन्द्री के पिछड़े व छोटे से गांव करतारपुर में 1982 में राजकीय प्राथमिक स्कूल खोला गया था। इस स्कूल में गांव के 19 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं और इन्हें पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा दो अध्यापक तैनात किए गए हैं। स्कूल में दो कमरे, एक रसोई और शौचालय जैसी सुविधा भी है। लेकिन तीस साल पहले खोला गया स्कूल सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने के जोर-शोर के साथ किए जा रहे दावों के बीच बंद किया जा रहा है। 24 जनवरी को मौलिक शिक्षा विभाग की वैबसाइट पर रेशनलाइजेशन के तहत जारी की गई जिला करनाल के 92 अध्यापकों की तबादला सूची में करतारपुर के दोनों अध्यापकों का तबादला कर दिया गया है। सूची में स्कूल की अध्यापिका कांता कुमारी व राकेश कुमार शामिल हैं। स्कूल के दोनों अध्यापकों के तबादले की सूचना से स्कूल में पार्ट टाईम चौकीदार प्रवीन, सफाईकर्मी बलकार व मिड-डे-मील वर्कर उर्मिला में हड़कंप मच गया है। स्कूल बंद होने से वे अपने रोजगार पर खतरे के बादल मंडराते हुए देख रहे हैं।
इस फैसले से ग्रामीणों में भारी रोष है। गढ़पुर टापू की पंचायत में पडऩे वाले इस गांव में रहने वाले पंचायत सदस्य तथा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार, पंच रानी देवी तथा ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के इस फैसले को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि विभाग के इस फैसले के बाद बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक किलोमीटर से अधिक दूरी और हाई ट्रैफिक वाली सड़क से गुजरते हुए मुसेपुर के स्कूल में जाना पड़ेगा। विनोद ने कहा कि शीघ्र ही गांव के लोग पंचायत करके गांव में स्कूल को बरकरार रखवाने के लिए आगामी संघर्ष की योजना बनाएंगे।