सवालों के घेरे में टीचरों की रेशनलाइजेशन लिस्ट

Posted in Monday, 23 January 2012
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

जेबीटी के तबादले में सीनियर-जूनियर के नियम का पालन तो हुआ ही नहीं दूसरे खंड के स्कूलों तक में हुई ट्रांसफर

भास्कर न्यूज त्न हिसार

शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को घोषित जेबीटी टीचरों की रेशनलाइजेशन (तर्कसंगत) लिस्ट पर सवालिया निशान खड़े होने शुरू हो गए हैं। कई शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि रेशनेलाइजेशन को लेकर विभाग ने नियमों की अनदेखी की है। इसमें चहेते शिक्षकों का शहरी स्थानों पर तबादला किया गया है। सीनियर और जूनियर शिक्षकों के नियम की भी अनुपालना नहीं की गई। यहां तक की एक खंड के शिक्षकों को दूसरे खंड के स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया है।

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत 30 छात्रों के लिए एक शिक्षक का होना जरूरी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर सभी स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों का रेशनेलाइजेशन करने का फैसला किया था। इसके तहत विभाग ने शनिवार को लिस्ट जारी कर 161 सरप्लस शिक्षकों को अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया है। हालांकि ये तबादले जिला स्तर पर भेजी गई लिस्ट के आधार पर किए गए थे, लेकिन इसमें अनियमितताएं देखने को मिली हैं।

पेटवाड़ स्कूल के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 213 बच्चे हैं। इस स्कूल में आठ अध्यापक कार्यरत थे। नियमों के अनुसार इन बच्चों के लिए छह अध्यापक होने जरूरी थे, लेकिन रेशनेलाइजेशन के बाद चार जूनियर अध्यापकों को अन्य स्कूलों में समायोजित कर दिया गया, जबकि विभागीय नीति के तहत ऐसी स्थिति में सीनियर अध्यापकों को ही अन्य स्थान पर भेजा जा सकता है। शिक्षक जगमहेंद्र ने तो विभाग के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की भी बात कही है।