अतिथि अध्यापकों की भर्ती में हुआ गोलमाल

Posted in Thursday 4 August 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

शिक्षा मंत्री के आदेशों पर जांच में हुआ खुलासा

दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 3 अगस्त। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में नियुक्त किए गए अतिथि अध्यापकों की भर्ती में गड़बड़ी किए जाने का पर्दाफाश हुआ है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि वर्ष 2005 में हुई अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति में बड़े स्तर पर नियमों को ताक पर रखा गया। इस मामले में कई अधिकारी भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। जांच रिपोर्ट में लगभग 700 शिक्षकों की नियुक्ति को गलत ठहराया गया है।
यहां बता दें कि कुछ माह पूर्व दैनिक ट्रिब्यून ने ‘सच का सामना’ कॉलम में 11 अप्रैल के अंक में ‘नपेंगे शिक्षा विभाग के दर्जनों अफसर!’ शीर्षक के साथ प्रकाशित समाचार में इन धांधलियों का खुलासा किया था। प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराए जाने के आदेश दिए थे। विभाग द्वारा जब इसकी जांच की गई तो भर्तियों में गड़बड़ होने का खुलासा हुआ। खास बात यह है कि भर्तियों में सबसे अधिक गड़बड़ फरीदाबाद व मेवात जिला में हुई है। प्रदेशभर के स्कूलों से बनाई गई सूची के बाद रिपोर्ट सामने आई है कि 700 से अधिक अतिथि अध्यापक नियमों का उल्लंघन करते हुए नियुक्त किए गए। फरीदाबाद में कुल 83 स्कूल प्राध्यापकों के पदों पर अतिथि अध्यापक नियुक्त किए गए। जांच में पता लगा कि 83 में से 40 नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध की गई थी।
इसी प्रकार मास्टर वर्ग में कुल 120 पदों पर अतिथि अध्यापक लगाए गए, जिनमें से मात्र 27 की नियुक्ति नियमानुसार पाई गई व 93 की नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गई। इसी प्रकार सीएंडवी वर्ग में कुल 58 शिक्षकों को तैनात किया गया लेकिन इनमें से 46 की नियुक्तियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। बताते हैं कि फरीदाबाद में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में भी इसी तरह का गोलमाल हुआ है।
बताते हैं कि मंत्री के आदेशों के बाद स्कूल शिक्षा निदेशालय ने अपने स्तर पर तो जांच की ही, साथ ही सात उप-निदेशकों को भी जांच का जिम्मा सौंपा गया। जब रिपोर्ट सामने आई तो उसमें खुलासा हुआ कि मेवात जिला में भी भर्तियों के दौरान निर्धारित मानदंडों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। इस जिला के फिरोजपुर-झिरका खंड में तो एक सहायक पद पर कार्यरत अधिकारी ने बिना किसी नियुक्ति पत्र के ही जेबीटी के 150 पदों पर अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति कर डाली।
मेवात में कुल 973 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति में से 183 की नियुक्तियां नियमों के खिलाफ मिली हैं। रिपोर्ट के अनुसार फतेहाबाद में 46, करनाल में 42, कैथल में 26, यमुनानगर में 25, हिसार व अंबाला में 23-23, सिरसा में 21, पंचकूला, पानीपत व भिवानी में 19-19, जींद में 17, पलवल में 15, सोनीपत-कुरुक्षेत्र में 10-10, रोहतक में 8, महेंद्रगढ़-रेवाड़ी में 7-7, झज्जर में 1 सहित कुल 700 से भी ज्यादा नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध मिली।
सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें आई थीं कि जेबीटी, मास्टर एवं स्कूल प्राध्यापक पदों पर कार्यरत अतिथि अध्यापकों में से अनेक के दस्तावेज फर्जी हैं। वहीं बीए व बीएड पास को जेबीटी पदों पर लगाए जाने का मामला भी प्रमुखता से उठा था।
हालांकि शुरुआती दौर में विभाग की ओर से 547 शिक्षकों को नोटिस भी जारी किए गए लेकिन बाद में यह आंकड़ा बढ़ता चला गया। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अतिथि अध्यापकों की भर्ती में नियमों की पूरी तरह से अनदेखी हुई है। न तो कैटेगरी का ध्यान रखा गया और न ही कागजों की सही तरीके से जांच हुई।
सूत्रों का कहना है कि उस समय जिला शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों तथा स्कूलों के मुखियाओं द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जो भी आया, उसे ही भर्ती कर दिया गया। कोई सिफारिश पर लग गया तो कोई अन्य ‘कारणोंÓ से। यह मामला उस समय उलझा जब अतिथि अध्यापकों ने उन्हें नियमित किए जाने की मांग उठाई। इस बीच हरियाणा सरकार की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिये स्टैट (अध्यापक पात्रता परीक्षा) पास करना अनिवार्य कर दिया था।
विभागीय जांच में यह भी पता लगा कि कई स्थानों पर नियुक्त कुछ गेस्ट टीचर्स ने अपनी नियुक्ति के महीनों बाद निर्धारित डिप्लोमा-डिग्री हासिल की। वहीं कई गेस्ट टीचर्स ओवर-ऐज, बिना विषय कम्बीनेशन, प्रतिबंध के बाद नियुक्ति, बिना मैरिट लिस्ट, बिना कोई चयन-प्रक्रिया अपनाएं नियुक्तियां, बिना वर्कलोड तथा स्वीकृत पद पर नियुक्त पाए गए। जांच में कई गेस्ट टीचर्स तो फर्जी ढंग से समायोजित हुए पाए गए।
वहीं कई गेस्ट टीचर्स ने नियुक्ति के लिए स्वयं को संबंधित गांव का निवासी सिद्ध करने के लिए राशन कार्ड में भी हेराफेरा कर डाली। कई मात्र सरपंच के कहने से ही बिना किसी वैध दस्तावेज के गांव के निवासी मान लिए गए। प्रदेश से बाहर के संस्थानों से डिग्री हासिल कर नियुक्त हुए गेस्ट टीचर्स की भी डिग्रियों की जांच करवाई जा रही है। इसी कड़ी में फतेहाबाद में एक गैस्ट टीचर की डिग्री यूपी के विश्वविद्यालय ने फर्जी बताई, जिस पर उसे अब हटा दिया गया है।

हरियाणा में अतिथि अध्यापकों की भर्ती में गड़बड़ होने का खुलासा हो चुका है। विभाग द्वारा गलत तरीके एवं नियमों को ताक पर रखकर की गई भर्तियों के मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के केस दर्ज किए जाने चाहिएं। हमारी मांग है कि पैसे की भी रिकवरी की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई इस तरह से खिलवाड़ न करे। गलत भर्तियों के कारण कई योग्य उम्मीदवार नौकरी से वंचित रह गए।

-राजेंद्र शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ।

नियुक्तियों में गड़बड़ होने का मामला सामने आने पर इसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट आ चुकी है और उसमें 600 से अधिक शिक्षकों की भर्ती को गलत ठहराया गया है। विभाग द्वारा गलत तरीके से नियुक्त हुए शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू की थी। फिलहाल इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्टे किया हुआ है।

-वियजेंद्र कुमार, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, हरियाणा।