हाई कोर्ट ने मांगा दिल्ली सरकार से जवाब

Posted in Friday 18 November 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली दिल्ली सरकार निजी स्कूलों के खातों और पांच सालों में बढ़ाई गई फीस की जांच करवाने के मामले में गंभीर नहीं है। इस बात को बल इससे मिलता है कि निजी स्कूलों के खातों और बढ़ी हुई फीस की जांच करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह की अध्यक्षता जो कमेटी बनाई थी, उसे अभी बैठने तक के लिए जगह नहीं मिल सकी है। दिल्ली सरकार ने कमेटी को सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई हैं। कर्मचारियों से भी कमेटी को महरूम रखा हुआ है। कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने इसकी शिकायत 9 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट से की थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार उन्हें बैठने के लिए जगह भी उपलब्ध नहीं करवा पाई है। हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने फीस बढ़ोतरी पर सख्त रुख अख्तियार किया और सभी निजी स्कूलों के खातों की जांच के लिए न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह की अध्यक्षता तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसमें चाटर्ड एकाउंटेंट कोछर और दिल्ली सरकार के पूर्व अधिकारी डा. आरके शर्मा को शामिल किया गया था। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सख्त निर्देश दिया था कि कमेटी को सभी व्यवस्थाएं दी जाएं ताकि कमेटी अपना काम शुरू कर सके। कमेटी को सभी निजी स्कूलों के 1 जनवरी 2006 से 2011 तक के बीच की गई फीस वृद्धि और उनके खातों की जांच करनी है। वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल ने गुरुवार को एक फिर हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी की कोर्ट में याचिका लगाकर दिल्ली सरकार की हीलाहवाली का कच्चा चिट्ठा खोला। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए उसे इस मामले पर 16 दिसंबर को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।