पार्षदों के हाथों वर्दी के पैसे बांटने की योजना पर एतराज

Posted in Sunday, 16 October 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: चुनावी वर्ष में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पार्षदों के हाथ स्कूल ड्रेस तथा जर्सी के लिए पैसे देने की योजना पर बाल आयोग ने एतराज जताया है। दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग (डीसीपीसीआर) ने एमसीडी के इस कदम पर सवाल उठाते हुए शिक्षा निदेशक और एमसीडी कमिश्नर को नोटिस भेजा है। आयोग ने एतराज जताते हुए साफ कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए स्कूली छात्रों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। दीपावली से पहले एमसीडी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पार्षदों के हाथ स्कूल ड्रेस व जर्सी के लिए पैसे बांटने संबंधी योजना का गत 12 अक्टूबर को दैनिक जागरण ने खुलासा किया था। जिसके बाद बाल आयोग ने आपत्ति जताई और इस मामले में एमसीडी प्रशासन को नोटिस भेजा। आपको बता दें कि एमसीडी की शिक्षा समिति के चेयरमैन महेंद्र नागपाल ने कुछ दिन पहले ही सभी पार्षदों को पत्र लिखकर दीपावली से पहले अपने-अपने वॉर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में बच्चों को ड्रेस व जर्सी के पैसे अपनी मौजूदगी में वितरित कराने को कहा था। इस संबंध में जागरण में प्रकाशित खबर पर अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग के पास शिकायत की। डीसीपीसीआर के सदस्य शशांक शेखर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशक व कमिश्नर को नोटिस भेजकर 19 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। शशांक शेखर ने कहा है कि सरकारी अनुदान को चैरिटी की तरह नहीं बांटा जाना चाहिए। इससे छात्रों के ऊपर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। गत कुछ वर्षो से सर्दी के दौरान बच्चों को जर्सी आदि के लिए जो पैसे दिए जाते थे इसमें देरी हो जाती थी। इसलिए इस साल उक्त मदों में नर्सरी में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को 310 रुपये तथा पहली से पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले हरेक बच्चों को 500 रुपये स्कूल ड्रेस तथा जर्सी के लिए तथा 120 रुपये स्कूल बैग के लिए दीपावली से पहले देने का निर्णय लिया गया है। जिसे वितरित करने की जिम्मेदारी इस बार पार्षदों को दी गई है।