जेबीटी घोटाले में चौटाला पिता-पुत्र पर आरोप तय, रोहिण की विशेष कोर्ट का फैसला, ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला सहित 57 पर भ्रष्टाचार के आरोप
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Thursday, 28 July 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रोहिणी की विशेष अदालत ने बहुचर्चित जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाले में करीब सात साल दो माह की सुनवाई के बाद ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय, दो पूर्व सहयोगियों विद्या धर और शेर सिंह बड़शामी समेत कुल 57 लोगों के खिलाफ आरोप निर्धारित कर दिए हैं। इनमें निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल हैं। सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय किए गए हैं। अदालत ने मामले में बृजमोहन नामक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया है। इस मामले में तीन अन्य की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की हिदायत पर यहां स्थित रोहिणी की विशेष अदालत में चल रही है। सीबीआई विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार ने अपने आदेश में कहा कि ‘मेरा विचार में इस बात के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं कि हरियाणा सरकार को उन्हीं के तंत्र ने ठगा।’ बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला व उनके छोटे बेटे अभय सिंह के खिलाफ हाल ही में कड़कडड़ूमा की विशेष सीबीआई अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप निर्धारित किए जा चुके हैं। इसी मामले में अजय चौटाला की सुनवाई आगामी एक अगस्त को होनी है।
क्या था मामला
१५ नवंबर १९९९ को प्राथमिक शिक्षा, हरियाणा के निदेशक द्वारा ३०२६ जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए एक अखबार में विज्ञापन दिया गया । इन भर्तियों के लिए एक दिसंबर १९९९ को इंटरव्यू हुआ। जिसके बाद विभाग ने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर हरियाणा के १८ जिलों में ३२०६ टीचरों की भर्ती के लिए सात दिसंबर २००० को अखबार में लिस्ट जारी कर दी थी।
१५ नवंबर १९९९ को प्राथमिक शिक्षा, हरियाणा के निदेशक द्वारा ३०२६ जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए एक अखबार में विज्ञापन दिया गया । इन भर्तियों के लिए एक दिसंबर १९९९ को इंटरव्यू हुआ। जिसके बाद विभाग ने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर हरियाणा के १८ जिलों में ३२०६ टीचरों की भर्ती के लिए सात दिसंबर २००० को अखबार में लिस्ट जारी कर दी थी।