स्कूलों में फीस वृद्धि जांचने की कमेटी ने मांगे कर्मी और जगह

Posted in Thursday, 10 November 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : छठे वेतन आयोग के चलते निजी स्कूलों में बढ़ी फीस की जांच करने के लिये गठित कमेटी को जगह न मिल पाने और उचित मैन पॉवर न मिलने के संबंध में दिल्ली अभिभावक महासंघ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। याचिका के माध्यम से महासंघ ने मांग की है कि उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाये कि वह कमेटी के बैठने के लिये जगह निर्धारित करे और उन्हें इस कार्य के लिये उचित कर्मचारी भी दे। छठे वेतन आयोग के चलते फरवरी 2009 में निजी स्कूलों में बढ़ी फीस की जांच करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक कमेटी गठित की थी। चूंकि ऐसा करने के लिए दो अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। कमेटी स्कूलों के रिकार्ड देखने के बाद यह तय करेगी कि फीस बढ़ाने का निर्णय ठीक था या नहीं। परंतु अभी तक उस कमेटी को काम शुरू करने के लिए जगह व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है। दिल्ली अभिभावक महासंघ ने अपने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के जरिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा है कि कमेटी को बैठने के लिए जगह भी नहीं दी है ताकि वह अपना काम शुरू कर सके। शिक्षा निदेशालय इस मामले में नकारात्मक रवैया अपना रहा है। जिस कारण न्यायालय के आदेश के बाद भी कमेटी अपना काम शुरू नहीं कर पा रही है। इसलिए सरकार के शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया जाए कि वह कमेटी के लिए जगह व उसको अन्य सुविधा उपलब्ध कराए। ताकि वह अपना काम शुरू कर सके और बढ़ी हुई फीस के मामले में कोई फैसला ले सके। दो अगस्त को उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों में बढ़ी फीस के मामले में अलग-अलग पक्षों की तरफ से दायर नौ याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा था कि राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश अनिल देव सिंह के निर्देशन में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाए। जो दिल्ली सरकार की उस अधिसूचना की निरीक्षण करेगी। जिसमें निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई थी।