रोजगार के लिए जरूरी त्रि-भाषा फॉर्मूला

Posted in Monday, 30 January 2012
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

बेंगलूरू, एजेंसी : त्रि-भाषा फॉर्मूले की बहस को जिंदा करते हुए इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने इसे लागू किए जाने को जरूरी बताया है। नौकरशाहों, कंपनी मालिकों और राजनेताओं की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग अपने बच्चों को तो अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेज रहे हैं लेकिन गरीबों के लिए मातृभाषा में शिक्षा की वकालत कर रहे हैं। नारायणमूर्ति ने कहा कि अगर इस देश में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा करने हैं तो सभी स्कूलों में त्रि-भाषा फॉर्मूला लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोगों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हम अपने दृष्टिकोण के अनुसार फैसले करते हैं। ऐसे लोगों में खुद को भी शामिल करते हुए नारायणमूर्ति ने कहा कि हम अपनी क्षमताओं के आधार पर निर्णय लेते हैं। हम सोचते हैं कि बच्चों की क्षमता भी उतनी ही सीमित है जितनी की इस उम्र में हमारी, लेकिन यह गलत है। मेरा मानना है कि बच्चे बहुत ज्यादा स्मार्ट हैं। इसके मद्देनजर उन्होंने ऐसी नीति बनाने पर जोर दिया जिसमें सभी बच्चों को मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान हासिल करने की खुली छूट हो। नारायणमूर्ति शनिवार को ग्लोबल एडजस्टमेंट की सीईओ रंजिनी मणियम की पुस्तक अपवर्डली मोबाइल के विमोचन के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिर्फ मातृभाषा में शिक्षा देने की वकालत करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि मैं जितने नौकरशाहों, कॉरपोरेट दिग्गजों और राजनेताओं को जानता हूं, उन सभी के बच्चे अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। फिर वे क्यों कह रहे हैं कि गरीबों के लिए यह अच्छा नहीं है।