ऑनलाइन पूरी होगी विज्ञान के शिक्षकों की कमी

Posted in Sunday, 12 June 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के शिक्षकों की भारी कमी के संकट से निपटने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। शिक्षकों के चयन के साथ ही शोध को बढ़ाने के मद्देनजर उसने फैकल्टी रिचार्ज कार्यक्रम की ऑनलाइन शुरुआत की है। जिसमें पूरे साल शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया जारी रहेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को यहां यूजीसी के इस कार्यक्रम के लिए वेब पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षकों की भारी कमी है। आने वाले वर्षो में बीस हजार शिक्षकों की जरूरत होगी। आयोग की इस नई पहल से दस हजार ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है, जो सिर्फ पढ़ाएंगे ही नहीं, बल्कि शोध भी करेंगे। योजना के तहत फिलहाल शोध पर फोकस रखने वाले 200 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद शामिल हैं। वैसे तो आवेदन व चयन का यह सिलसिला सालभर चलेगा, लेकिन फिर भी सालभर में कट-ऑफ की तारीख चार बार 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर होगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र के इस समस्या से निपटने के लिए आइसीटी-मुंबई के पूर्व निदेशक प्रो. एमएम शर्मा की अगुवाई में एक उच्चाधिकार समिति बनी थी। उसी की सिफारिश पर यह पहल हुई है। बताते हैं कि इस योजना के तहत वे प्रवासी भारतीय भी आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने विदेशी नागरिकता नहीं ली है। शिक्षक बनने के हर आवेदक को शोध के लिए एक प्रोजेक्ट भी दाखिल करना होगा। जिनका चयन होगा, उनके पढ़ाने के घंटे दूसरे शिक्षकों से कम होंगे। ऐसे शिक्षकों की पहचान को अलग रखने के लिए उनके पद के पहले यूजीसी शब्द जुड़ा होगा। इन शिक्षकों को अपने यहां नियुक्ति के इच्छुक विश्वविद्यालयों व प्रौद्योगिकी संस्थानों को यूजीसी के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत करने होंगे। जबकि चयनित शिक्षकों को अपनी नियुक्ति के पसंदीदा स्थान व संस्थान के चयन करने की छूट होगी।