एक अभ्यर्थी दे सकेगा दोनों टीईटी

Posted in Wednesday, 1 June 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

150 प्रश्नों के लिए मिलेंगे 90 मिनट, निगेटिव मार्किंग नहीं
प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग टेस्ट
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। यदि आप प्राइमरी या उच्च प्राथमिक शिक्षक बनना चाहते हैं तो तैयारी में जुट जाइए। माध्यमिक शिक्षा परिषद जल्द ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराएगा। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होंगी। दोनों परीक्षाएं एक ही दिन अलग-अलग पालियों में होंगी। कोई भी छात्र अलग-अलग आवेदन करके दोनों परीक्षाएं दे सकेगा। अभ्यर्थियों को 90 मिनट में 150 सवाल हल करने होंगे।
प्राइमरी और उच्च प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए राज्य स्तरीय टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने टीईटी कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपीबोर्ड) को प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश में टीईटी के लिए दो परीक्षाएं होंगी।
एक परीक्षा कक्षा एक से पांचवीं तक का मास्टर बनने के लिए और दूसरी छठी से आठवीं तक का शिक्षक बनने के लिए। यूपी बोर्ड से सहमति पत्र मिलते ही टीईटी की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन ने बताया शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए स्नातक में 50 फीसदी अंक अनिवार्य हैं। साथ ही अभ्यर्थी को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त और उत्तर प्रदेश सरकार से संबद्ध दो वर्षीय एनटीटी, बीटीसी, सीटी नर्सरी, बीईएलडी, बीएड, बीएड विशेष आदि पास होना चाहिए। परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होंगे। एक प्रश्न के लिए चार विकल्प दिए जाएंगे। 150 प्रश्न डेढ़ घंटे में हल करने होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक नंबर का होगा। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।
इंटर के कोर्स पर आधारित होंगे सवाल
सभी विषयों के प्रश्न इंटरमीडिएट के पाठक्रम पर आधारित होंगे। भाषा, गणित और पर्यावरण आदि में ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जो पांचवीं या आठवीं तक के शिक्षण के लिए जरूरी हैं। बाल विकास एवं मनोविज्ञान के प्रश्न प्रशिक्षण पाठक्रम पर आधारित होंगे।