इसी साल से हो सकते हैं छात्रों के पास ये दो विकल्प
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Saturday, 6 August 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421
12वीं वोकेशनल करेंगे या फिर एकेडमिक
12वीं वोकेशनल करेंगे या फिर एकेडमिक
नई दिल्ली। शिक्षा को अधिक पेशेवर और कार्यकुशल बनाने के मकसद से छात्रों को 12वीं कक्षा से ही अलग-अलग दिशाएं देने की तैयारी है। सरकार अगले साल से ही 12वीं कक्षा और अंडर ग्रेजुएट कोर्सों में वोकेशनल इंजीनियरिंग शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद छात्रों के पास 12वीं (वोकेशनल) और 12वीं (एकेडमिक) के दो विकल्प होंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि छात्रों को 12वीं कक्षा में दो विकल्प दिए जाएंगे। जो छात्र इंजीनियरिंग और दूसरे वोकेशनल कोर्स में जाना चाहते हैं वे 12वीं (वोकेशनल) में पढ़ाई करेंगे। उच्च शिक्षा हासिल करने की चाहत रखने वाले अन्य छात्रों को 12वीं (एकेडमिक) की पढ़ाई में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह 12वीं कक्षा से ही छात्रों की मजबूत जमीन तैयार हो जाएगी। इसके अलावा बीएससी वोकेशनल इंजीनियरिंग भी शुरू करने की योजना है। सिब्बल ने बताया कि सरकार चाहती है कि स्कूलों और पॉलीटेक्निक में उद्योगों द्वारा तैयार पाठक्रम भी लागू किया जाए ताकि पढ़ाई के बाद छात्रों को नौकरी पाने में आसानी हो। फिलहाल इंजीनियरिंग स्नातकों के नौकरी पाने की दर संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा को वोकेशनल और एकेडमिक की श्रेणियों में बांटने का काम इसी साल हो सकता है, वरना अगले साल तो यह व्यवस्था पक्के तौर पर लागू कर दी जाएगी।
कर्नाटक का उदाहरण रखते हुए सिब्बल ने कहा कि 2007 में वहां से इंजीनियरिंग करने वाले केवल 37 फीसदी छात्र ही नौकरी हासिल कर पाए। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें नए इंजीनियरिंग इंस्टीटूट के लिए धड़ल्ले से अनुमति दे रही हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इंस्टीटूटों में सीटें खाली रहने के चलते कट ऑफ भी नीचे लानी पड़ती है, ताकि सीटें भर सकें। सरकार इस तरह के कदम उठा रही है कि इंजीनियरिंग इंस्टीटूट से निकलने वाले ज्यादा से ज्यादा छात्रों को रोजगार मिल सके। इंजीनियरिंग पाठक्रम को भी इसी सिलसिले में बेहतर बनाया जा रहा है।