राष्ट्रगान में सिंध के इस्तेमाल पर नोटिस

Posted in Friday, 19 August 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

मुंबई, प्रेट्र : बांबे हाई कोर्ट ने राष्ट्रगान में सिंध शब्द के उपयोग के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों को नोटिस जारी किया है। साथ ही कहा है कि अगर यह शब्द इस्तेमाल हो रहा है तो इसे दुरुस्त किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति आरजी केतकर की खंडपीठ ने सिंध शब्द की जगह सिंधु करने की मांग करने वाली अवकाश प्राप्त प्रोफेसर श्रीकांत मलुस्ते की याचिका पर यह निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार ने जनवरी 1950 में राष्ट्रगान के सिंध शब्द को सिंधु कर दिया था। इसके बावजूद राष्ट्रगान के गायन और प्रसारण में पहले की तरह सिंध शब्द का ही प्रयोग जारी है। याचिका में कहा गया है कि सिंध पाकिस्तान का एक प्रांत है जबकि सिंधु भारत में नदी है। मलुस्ते की याचिका गृहमंत्रालय की ओर से दिए गए सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत दिए गए जवाब पर आधारित है। गृहमंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि सिंधु शब्द के साथ राष्ट्रगान सही होगा। जज देसाई ने टिप्पणी की कि अगर गृह मंत्रालय ने सिंधु शब्द को सही बताया है तो इसे सही क्यों नहीं किया गया? ऐसा लगता है कि यह गलती वर्षो से दोहराई जा रही है। इसे तत्काल दुरुस्त किया जाना चाहिए।