मिड डे मील में छुआछूत पर दंडित किए जाएं शिक्षक
मिड डे मील कार्यक्रम में बढ़ती छुआछूत की घटनाओं से चिंतित संसदीय समिति ने इसके लिए अध्यापकों को कड़ा दंड देने की सिफारिश की है। अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण संबंधी समिति ने मिड डे कार्यक्रम में नौवीं और दसवीं के छात्रों को भी शामिल करने की बात कही है। समिति का तर्क है कि इससे खासकर अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों द्वारा पढ़ाई बीच में छोड़ने में कमी आएगी। समिति ने कहा है कि छुआछूत की बढ़ती घटनाओं को कम करने के लिए स्कूल प्रबंधन को निश्चित समय पर अध्यापकों के साथ बैठक करनी चाहिए ताकि उन्हें समझाया जा सके कि इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है। मिड-डे मील बनाने और उसे बच्चों के बीच परोसने को लेकर छुआछूत की घटनाएं आम हो चुकी हैं। ऐसे मामले देश के सुदूर इलाकों में सबसे ज्यादा दर्ज किए जाते हैं। ओडिशा में छुआछूत के मामले पर सांन लेते हुए संसदीय समिति ने वहां एक विशेष टीम भेजने और उसकी जांच कराने की मांग की है। इसके अलावा मिड-डे मील की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते रहे हैं। ताजा उदाहरण बिहार का है जहां एक सरकारी स्कूल के 20 से ज्यादा बच्चों की मिड-डे मील खाने से मौत हो गई थी।