अब पढ़ाई में आड़े नहीं आएगी उम्र
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Tuesday, 21 June 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421
संजय वर्मा, भिवानी यदि आप किसी कारणवश अक्षर ज्ञान प्राप्त करने में चूक गए हैं तो निराशा की कोई बात नहीं, अब पढ़ाई में उम्र आड़े नहीं आएगी। सरकार ने ऐसा प्रावधान कर दिया है कि जो छात्र किसी कारण वश स्कूल नहीं जा सका और अब उसकी मंशा पढ़ाई की ओर है तो उसे मनचाही कक्षा में प्रवेश तो मिलेगा, लेकिन इस प्रवेश के साथ ही छह माह की अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी। इसके तहत उसे छह माह तक जिस कक्षा में प्रवेश लिया है, उस कक्षा स्तर तक का ज्ञान करवाया जाएगा। सरकार की इस नीति से शिक्षकों की सिरदर्दी तो बढ़ेगी, लेकिन साक्षरता का अनुपात नि:ित रूप से ऊपर चढ़ेगा। बच्चों में बढ़ी उम्र की खाई और पीछे छूटी पढ़ाई की भरपाई के लिए ब्रिज कोर्स सेतु का काम करेगा। शिक्षा का मौलिक अधिकार अधिनियम 2009 में किए गए प्रावधान के तहत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के 6 से 14 आयु वर्ग तक के बच्चों की पढ़ाई लिखाई का जिम्मा संभाले हुए है। मगर अधिनियम के तहत सरकार ने एक ऐसा प्रावधान भी किया है, जिसमें बच्चा अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर सकता है। इसके लिए सरकारी स्कूल प्रबंधन उसके अभिभावक या बच्चे से किसी प्रकार की पूर्व कक्षाओं से सम्बंधित कागजात या प्रमाण पत्र दिखाने की जिद भी नहीं करेगा और बिना शर्त दाखिला दिया जाएगा। आयु वर्ग के हिसाब से तो बच्चा पहली की बजाए चौथी में प्रवेश के लायक हो गया है, मगर उसका बौद्धिक विकास अभी तक उस कक्षा के स्तर का नहीं हो पाया है तो घबराने की जरूरत नहीं, इसके लिए ब्रिज कोर्स नामक प्रशिक्षण बच्चों को स्कूल में ही दिया जाएगा। इसके लिए कक्षा में पढ़ाने वाले टीचर बच्चे को छह माह तक प्रतिदिन कक्षा से अतिरिक्त समय में पढ़ाएंगे। बच्चों को करवाए जाने वाले ब्रिज कोर्स से सम्बंधित पाठयक्रम की पुस्तकें भी सर्व शिक्षा अभियान से मुफ्त उपलब्ध करवाई जाएंगी। ब्रिज कोर्स की जल्द होगी व्यवस्था : सिवाच इस संबंध में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि ऐसे बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स की व्यवस्था की जाएगी, जो शैक्षणिक योग्यता नहीं, बल्कि उम्र के हिसाब से कक्षा में प्रवेश लेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों का प्रवेश से लेकर अगले छह माह तक ब्रिज कोर्स के माध्यम से लगातार सतत मूल्यांकन किया जाएगा और उसी के आधार पर उन्हें ग्रेडिंग दी जाएगी। सतबीर सिवाच ने बताया कि इन बच्चों से सम्बंधित पूरा रिकार्ड स्कूल मुखिया को रखना होगा। उन्होंने बताया की कक्षा पहली से आठवीं तक व 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षा देना अभियान की जिम्मेवारी है।