..ताकि फंड में न हो फंडा

Posted in Thursday, 9 June 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

बलवान शर्मा, फतेहाबाद अब शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में चंदा राशि से बनने वाले कमरों का ब्यौरा भी रखने की तैयारी शुरू की है। दान राशि से बने कमरों को सरकारी खाते में दर्शाने से रोकने के लिए अब विभाग नई नीति बनाने की तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य सरकारी फंड का घपला रोकना है। शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन की अध्यक्षता में प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए थे। बैठक में चर्चा की गई कि दान राशि से बनने वाले कमरों का हिसाब अलग से रखा जाए, ताकि सरकारी कोष के दुरुपयोग को रोका जा सके। इसके लिए नई नीति भी बनाई जाए। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही नई नीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। गौरतलब है कि कुछ समाजसेवी संस्था तथा कुछ लोग अपने रिश्तेदारों की याद में सरकारी स्कूलों में कमरे बनाने के लिए दान देते हैं। विभाग को आशंका है कि इस दान राशि का उपयोग कर कमरे तो बना दिए जाते हैं लेकिन उन्हें विभाग की किसी दूसरी स्कीम के तहत बना दर्शा दिया जाता है। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी गुरदेव सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत स्कूलों के मुख्याध्यापकों को दान राशि का पूरा विवरण देना होगा और उससे संबंधित जानकारी मुख्यालय को भेजनी होगी।