यूपी कैबिनेट ने दी शिक्षा का अधिकार नियमावली को मंजूरी

Posted in Wednesday, 27 July 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा देने के लिए ‘उत्तर प्रदेश नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011’ को आखिरकार मंजूरी दे ही दी। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में नियमावली को मंजूरी के बाद तत्काल प्रभाव से इसे लागू कर दिया गया है।
केंद्र के दबाव में नियमावली भले ही मंजूर कर दी गई है, लेकिन इस सत्र में गरीब बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। उन्हें निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त एडमिशन के लिए भी अगले सत्र का इंतजार करना पड़ेगा। नियमावली के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली जूनियर हाईस्कूल की सभी लड़कियों और अनुसूचित जाति जनजाति के लड़कों को मुफ्त यूनिफॉर्म के लिए भी नए सत्र से ही मिल पाएगी। नियमावली देर से लागू होने का खामियाजा बीएड बेरोजगारों को भी भुगतना पड़ सकता है। केंद्र ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में 80 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए 1 जनवरी 2012 तक का समय दिया है। भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले बीएड डिग्रीधारकों को ही छह माह की विशेष ट्रेनिंग देने के बाद ही सहायक अध्यापक बनाए जाने की अनिवार्यता की गई है। इस प्रक्रिया में कम से कम 10 माह का समय चाहिए, जबकि केंद्र से मिली अवधि समाप्त होने में मात्र पांच महीने ही शेष हैं। राज्य सरकार को यह नियमावली लागू करने में 27 महीने लग गए।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा-38 में नियम बनाने का शक्ति राज्य सरकार को दी गई है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने नियमावली तैयार की है। इसका मुख्य मकसद 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक किमी की दूरी और 300 की आबादी पर एक प्राथमिक तथा तीन किमी व 800 की आबादी पर एक उच्च प्राथमिक स्कूल की स्थापना की जाएगी। बच्चों के लिए पड़ोस में स्कूलों में नाम लिखाने की व्यवस्था होगी। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को 31 मार्च तक चिह्नित किया जाएगा। राज्य सरकार के निर्णय के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सात दिन के अंदर स्कूलों की मान्यता रद्द करने का अधिकार होगा। मान्यता वापस लिये जाने वाले स्कूलों के बच्चों को पास के स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा।