‘फर्जी’ एडमिशन पर एसएमसी की नकेल

Posted in Sunday, 20 November 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

अभिभावक दो स्कूलों में नहीं चला सकेंगे बच्चे का नाम, कमेटी लगातार गैरहाजिर रहने वालों पर रखेगी नजर

प्रेम कुमार हिसार


> अभिभावक और शिक्षक नहीं कर पाएंगे फर्जी एडमिशन।
> सरकारी स्कूलों में लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों पर रखी जाएगी नजर।
> एसएमसी अभिभावकों से पूछेगी बच्चे के स्कूल न आने का कारण।
> अगर बच्चा किसी अन्य स्कूल में जा रहा है तो एक स्कूल से काट दिया जाएगा नाम।




सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाने के लिए राजकीय स्कूलों में छात्रों का केवल ‘नाम’ चलाने वालों पर अब रोक लग सकेगी। अभिभावक अब एक ही छात्र का एक साथ दो स्कूलों में नाम नहीं चल पाएगा।

स्कूलों में गठित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को यह अधिकार दे दिया है कि स्कूलों में लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम काट सके। अब अभिभावकों को यह तय करना होगा कि वे किस स्कूल में बच्चे का एडमिशन जारी रखना चाहते हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठ से 14 साल तक के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया है। इसके तहत कोई भी स्कूल संचालक बच्चे का नाम नहीं काट सकता। इस कमजोरी का फायदा उठाते हुए कई अभिभावकों ने सुविधाओं का फायदा उठाने के लिए बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करा रखा है। जबकि बच्चे किसी प्राइवेट स्कूल में पढऩे जा रहे होते हैं। वहीं सरकारी स्कूल भी अपना कोटा पूरा करने के लिए अनुपस्थित रहने वाले ऐसे बच्चे का नाम नहीं काटते।

बच्चे का एक साथ दो स्कूलों में एडमिशन होने के कारण जहां सरकारी आंकड़े गड़बड़ा रहे हैं, वहीं सरकारी सुविधाओं का भी गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए विभाग ने निर्णय लिया है कि एसएमसी के माध्यम से ऐसे फर्जीवाड़े को रोका जाए। इसके तहत हर महीने स्कूलों में होने वाली एसएमसी की बैठकों में ऐसे बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो लगातार स्कूल से अनुपस्थित चल रहे हैं।

एसएमसी को यह अधिकार दिया है कि ऐसे बच्चों के अभिभावकों को नोटिस जारी करते हुए बच्चे का स्कूल में न आने का कारण पूछा जाए। अगर बच्चा किसी अन्य स्कूल में जा रहा है तो एक स्कूल से उसका नाम काट दिया जाएगा।

॥विभागीय निर्देशों के तहत सभी एसएमसी पदाधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब अभिभावकों को अपने बच्चे का एडमिशन केवल एक स्कूल में ही कराना होगा।

बलजीत सिंह सहरावत, जिला समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान।