सेवा विस्तार को मेडिकल परीक्षण की जरूरत नहीं

Posted in Saturday, 19 November 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश में शिक्षकों को 55 साल की आयु के बाद सेवा विस्तार के लिए मेडिकल परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने शुक्रवार को यहां करीब एक दर्जन शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कई मसलों पर बातचीत में यह जानकारी दी। वेतन विसंगतियों को दूर करने और शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्यो का बोझ कम करने के मसलों पर बातचीत के लिए दोबारा 29 नवंबर को बैठक बुलाई गई है। वित्तायुक्त से हुई बातचीत के आधार पर शिक्षक प्रतिनिधियों ने बताया कि बैठक में मैरिज लोन के मामले अब कई महीनों तक नहीं लटके रहेंगे। ये केस 60 दिन के भीतर निपट जाएंगे। प्रिंसिपल, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति सूची राज्य सरकार 10 दिसंबर तक जारी करने पर राजी हो गई है। साथ ही शिक्षक प्रतिनिधियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि शिक्षा विभाग मिडिल व हाई स्कूलों के हैड मास्टरों की पदोन्नति सूची पर अभी कोई गौर नहीं कर रहा है। बैठक में मास्टरों द्वारा पीएफ निकलवाने, एसीपी और सेवा वृद्धि के लिए सभी मामले जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में प्रदान करने का फैसला लिया गया। पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी, जिस कारण यह मामले लंबे अरसे तक लटके रहते थे। बैठक में प्राइमरी शिक्षा निदेशक डा. अभय यादव, डा. सतबीर सैनी, अश्विनी कुमार और सर्व शिक्षा अभियान के विनीत गर्ग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।