हाई कोर्ट के आज के रुख पर निर्भर करेगा नर्सरी के दाखिले का आधार
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Wednesday, 14 December 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : राजधानी के पांच लाख से अधिक अभिभावकों के अलावा दिल्ली सरकार की निगाहें आज दिल्ली हाई कोर्ट की ओर टिकी रहेंगी। राजधानी में नर्सरी दाखिले में वैसा ही होगा, जैसा बुधवार को हाई कोर्ट का आदेश आएगा। भले ही दिल्ली सरकार ने फार्म मिलने की तारीखों की घोषणा कर दी हो लेकिन उम्र सहित तमाम दिशा-निर्देश के लिए उसे हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार था। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली पहले ही कह चुके हैं कि वह 3 साल में होने वाले नर्सरी दाखिले को प्री-नर्सरी दाखिला कहेंगे और इसी आधार पर कोर्ट में सरकार जबाव भी देगी। दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में 2007 में हलफनामा दिया था कि पहली कक्षा से पहले सिर्फ एक साल की स्कूल की पढ़ाई होगी और जिसमें दाखिला 4 साल की उम्र में होगा। पहली कक्षा में बच्चे की उम्र पांच साल होगी। सरकार हलफनामा देकर स्कूलों में इसे लागू करवाना भूल गई और हर साल 3 साल की उम्र में नर्सरी और चार साल की उम्र में केजी की पढ़ाई शुरू हो गई। यानि पहली कक्षा से पहले दो साल की स्कूल की पढ़ाई हो गई। इसी को आधार बनाकर बीते दिनों वकील अशोक अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया गया था। 23 नवंबर को दिल्ली सरकार ने अचानक राजधानी में 3 साल की उम्र में होने वाले नर्सरी दाखिले को प्री-नर्सरी का नाम दे दिया और प्री-नर्सरी के दिशा-निर्देश बनाने के लिए लंबे समय की मांग की। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि उसे सभी चीजों पर अपनी स्थिति इसी सत्र में स्पष्ट करनी है और 14 दिसंबर को वह अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।