अब हिमाचल में सेवा का अधिकार अधिनियम

Posted in Thursday, 7 July 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

शिमला, जागरण ब्यूरो : हिमाचल प्रदेश में भी बिहार व पंजाब की तर्ज पर सेवा का अधिकार अधिनियम-2011 शीघ्र लागू किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी मानसून सत्र में यह विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया जाएगा। अधिनियम का मसौदा सरकार ने तैयार कर लिया है व आजकल प्रदेश का प्रशासनिक सुधार विभाग इस मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। इसका मुख्य मकसद समाज के आम वर्ग के प्रति सरकारी बाबुओं व अफसरों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस अधिनियम को लेकर जहां प्रदेश के आम वर्ग में उत्साह है वहीं कर्मचारी व अधिकारी डरे हुए हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग ने प्रदेश के उन विभागों के प्रधान सचिव स्तर से लेकर विभागाध्यक्षों से प्रतिक्रिया व सुझाव भी आमंत्रित किए हैं जिनके विभाग अधिनियम में शामिल किए जा रहे हैं। इस अधिनियम में वही सेवाएं शामिल रहेंगी जिनका समाज के आम वर्ग से अक्सर सीधा रिश्ता है। इनकी संख्या करीब छह दर्जन बताई जा रही है। मसलन राजस्व, आबकारी व कराधान, ट्रांस्पोर्ट से लेकर सभी तरह के प्रमाण पत्र, गैर अनापत्ति प्रमाण पत्र, लाईसेंस लेने व रोजमर्रा की वह सभी सेवाएं इसमें शामिल रहेंगी। अधिनियम में जहां संबधित सेवाएं लेने के लिए निर्धारित शुल्क की व्यवस्था की गई है, वहीं इसकी तय सीमा भी रहेगी जिसके अंतर्गत आवेदक का संबधित कार्य होना लाजिमी है। यदि ऐसा नहीं होता तो जिम्मेदार बाबू व अफसरों के खिलाफ जुर्माना तो होगा ही उनकी नौकरी भी जा सकती है। अधिनियम में पांच सौ से लेकर पांच हजार रुपये तक का प्रावधान किया गया है। अलग अलग सेवाओं के लिए एक से दो दिनों से लेकर 21 दिनों की समय सीमा तय की गई है। सचिव (विधि) एसी डोगरा का कहना है कि सेवा का अधिकार अधिनियम-2011 का मसौदा तैयार है। इसे विधान सभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।