शिक्षक पुरस्कार के लिए शर्तो में ढील देगी सरकार

Posted in Wednesday, 23 November 2011
by Rajkiya Prathmik Shikshak Sangh - 421

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : राज्य सरकार शिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के मामले में थोड़ी उदारता बरतने वाली है। राज्य सरकार निर्धारित शर्तो में ढील देने को तैयार हो गई है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे सभी आवेदन मुख्यालय मंगवा लिए गए हैं, जो पुरस्कार के लिए पूर्व निर्धारित शर्तो के दायरे में नहीं आते। साल के आखिर तक राज्य शिक्षक पुरस्कारों के नामों की घोषणा हो सकती है। प्रदेश सरकार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर हर साल राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करती है, लेकिन इस बार पुरस्कार के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं। उसके कारण प्रदेश भर में मात्र 42 आवेदन ही आए हैं। बाकी आवेदनों को शर्त पूरी नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया गया है। पुरस्कारों के चयन में पारदर्शिता बरतने के उद्देश्य से इस बार इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पुरस्कारों में पांच प्रतिशत कोटा जेबीटी शिक्षकों का भी होता है। यह पहला मौका है, जब मास्टरों व लेक्चरारों की तह जेबीटी शिक्षकों के लिए पुरस्कार की अलग श्रेणी बनाई गई है। जेबीटी शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए पांच साल की समग्र मूल्यांकन रिपोर्ट (सीसीई) देने को कहा गया है। इस अनिवार्यता का सबसे नकारात्मक पहलू यह है कि राज्य में समग्र मूल्यांकन प्रणाली हाल-फिलहाल लागू हुई है। इसलिए जेबीटी शिक्षक इस रिपोर्ट को पुरस्कार आवेदन के साथ नहीं लगा पाएंगे। जेबीटी शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता एमफिल और पीएचडी निर्धारित की गई है, जबकि ज्यादातर जेबीटी शिक्षक दस जमा दो होते हैं। जेबीटी शिक्षकों को जनगणना अथवा चुनाव ड्यूटी के प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाने को कहा गया है, जबकि इन दोनों विभागों द्वारा कोई सर्टिफिकेट जेबीटी शिक्षकों को नहीं दिया जाता है। रक्तदान करने वालों को वरीयता देने की शर्त पर भी काफी असमंजस की स्थिति है। शिक्षक संगठनों ने इन विसंगतियों को शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन के समक्ष चार दिन पहले हुई बैठक में उठाया। वित्तायुक्त ने शर्तो में ढील देने का संकेत शिक्षक संगठनों को दिया है।